स्टैंडर्ड कंपनी की डबल स्ट्रेंथ वाली दवाई दुगनी मात्रा में केवल 97 रुपए MRP के साथ उपलब्ध है वहीं एक निम्न स्तर की दवाई आधी स्ट्रेंथ और आधी मात्रा होकर भी 102 रुपए MRP में उपलब्ध है।
स्टैंडर्ड दवाई देने वाला एक शीशी MRP पर भी बेचेगा तो केवल 20-25 रुपए ही कमाएगा और आधी स्ट्रेंथ आधी मात्रा वाला 102 mrp की शीशी 60 रुपए में बेचकर भी 30-40 रुपए कमाएगा।(हमारा पेशेंट बाहर मेडिकल स्टोर से ये शीशी 60 रुपए में ही खरीद कर लाया था).
यही असल खेल है जो जनता के साथ जेनेरिक दवाई और डिस्काउंट के नाम पर खेला जा रहा है।
सेहत खराब करने वाले पिज्जा बर्गर ब्रांडेड खाने वाली जनता जब अपनी बीमारियों के लिए सस्ती डिस्काउंटेड दवाइयां ढूंढती है तो उसे ऐसे ही ठगा जाता है जिसकी जिम्मेवार वो खुद है।
इसलिए किसी के बहकाव ... View More
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर नींद को हल्के में ले लेते हैं। देर रात तक काम करना, तनाव, मोबाइल स्क्रीन पर घंटों बिताना और खराब जीवनशैली के कारण अच्छी नींद से वंचित हो जाते हैं। लेकिन स्वस्थ जीवन का मूल आधार अच्छी नींद है। यह न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि संपूर्ण जीवनशैली को भी नियंत्रित करती है।
नींद और स्वास्थ्य का गहरा संबंध
नींद केवल आराम नहीं बल्कि शरीर के लिए एक ज़रूरी प्रक्रिया है। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है, मस्तिष्क को सक्रिय रखती है और हार्मोन के संतुलन को बनाए रखती है।
यदि कोई नियमित रूप से अच्छी नींद नहीं लेता, तो उसे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं:
प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
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Insulin आज की दुनिया में डायबिटीज़ (मधुमेह) एक बेहद आम लेकिन गंभीर बीमारी बन चुकी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस बीमारी की जड़ में जो सबसे अहम तत्व है – वह इंसुलिन (Insulin) है?
इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है, जिसकी मौजूदगी और कार्यशैली पर हमारा संपूर्ण स्वास्थ्य टिका होता है – खासतौर पर ब्लड शुगर (रक्त में ग्लूकोज़) के स्तर को संतुलित रखने में।
इस लेख में हम आपको बताएँगे:
1. इंसुलिन क्या है?
2. यह शरीर में कैसे काम करता है?
3. इसके अभाव में क्या समस्याएँ हो सकती हैं?
4. और इंसुलिन थैरेपी क्यों ज़रूरी हो सकती है?
🧬 इंसुलिन क्या है?
इंसुलिन एक हार्मोन है जो हमारे अग्न्याशय (Pancreas) की बीटा कोशिकाओं (Beta Cells) द्वारा उत्पन्न होता है।
इसका मुख ... View More
HeartAttack हर साल लाखों लोग अचानक हुए दिल के दौरे (Heart Attack) के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। कई बार लोग इस समस्या के लक्षणों को समय पर पहचान नहीं पाते या उन्हें मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि हकीकत यह है कि दिल के दौरे से पहले शरीर हमें संकेत देता है, जिन्हें अगर समय पर समझ लिया जाए, तो इलाज और बचाव संभव है।
यह रिपोर्ट आपको बताएगी कि हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण क्या होते हैं, कैसे पुरुषों और महिलाओं में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, और कब आपको डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए।
❤️ हार्ट अटैक क्या है?
दिल का दौरा तब होता है जब हृदय को ऑक्सीजन और पोषण देने वाली धमनी (कोरोनरी आर्टरी) किसी ब्लॉकेज या रुकावट के कारण बाधित हो जाती है। इससे हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है।
कारण:
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LowBP आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में लोग अक्सर उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) के बारे में बात करते हैं, लेकिन निम्न रक्तचाप (लो बीपी) भी एक गंभीर समस्या बनकर उभर रही है। अचानक बीपी लो होना न केवल व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों को प्रभावित करता है, बल्कि कभी-कभी यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि बीपी अचानक क्यों गिरता है, इसके लक्षण क्या होते हैं और किस प्रकार हम प्राकृतिक उपायों से इसे नियंत्रित कर सकते हैं।
1. बीपी लो क्या है?
जब रक्तचाप सामान्य से कम हो जाता है, यानी 90/60 mmHg से नीचे चला जाता है, तो उसे लो बीपी कहा जाता है। इसका मतलब है कि हृदय द्वारा पंप किया गया रक्त शरीर के अंगों तक सही मात्रा में नहीं पहुंच पा रहा है। यह स्थिति विशेष रूप से मस्तिष्क, गुर्दे और फेफड़ों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को ... View More
IIT इंदौर और ICMR के साझा अध्ययन में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी।
IIT इंदौर द्वारा किए गए इस रिसर्च में 3,100 से ज़्यादा कोविड-19 मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया गया — खासतौर पर पहली और दूसरी लहर के दौरान संक्रमित लोगों का।
इसमें पाया गया कि डेल्टा वैरिएंट ने शरीर के बायोकेमिकल संतुलन पर सबसे गंभीर असर डाला, जिससे कैटेकोलामीन (Catecholamine) और थायरॉइड हार्मोन में असंतुलन देखने को मिला।
क्या पाया गया?
इंफ्लेमेशन मार्कर्स (CRP, फेरिटिन) बढ़े हुए पाए गए
ब्लड क्लॉटिंग में तेजी (D-dimer का स्तर अधिक)
किडनी फंक्शन पर असर (यूरिया, क्रिएटिनिन में बदलाव)
ब्लड सेल काउंट्स में असामान्यता
हार्मोनल बदलाव से साइलेंट हार्ट फेल्योर और थायरॉइड से जुड़ी समस्या ... View More
29 मई से 2 जून तक सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक कोई भी व्यक्ति बाहर (खुले आसमान के नीचे) नही निकलेगा क्योंकि मौसम विभाग ने यह बताया है कि तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से 55 डिग्री सेल्सियस तक जायेगा,` जिससे अगर किसी भी व्यक्ति को घुटन महसूस हो या अचानक तबियत खराब हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं रूम के अंदर दरवाजा खोल कर रखे ताकि विंटीलेशन ना रहे,मोबाइल का प्रयोग कम करे, मोबाइल फटने की संभावना जताई जा रही है,कृपया सावधान रहें और लोगो को सूचित करें,दही , मट्ठा, बेल का जूस आदि ठंडे पेय पदार्थ का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें।
अत्यधिक महत्वपूर्ण सूचना
नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय नागरिकों और निवासियों को निम्नलिखित के प्रति सचेत करता है।
आने वाले दिनों में 47 से 55 डिग्री सेल्सियस के बीच बढ़ते तापमान और क ... View More
लिपिड प्रोफाइल को बहुत ही अनोखे तरीके से समझाने वाली एक खूबसूरत कहानी
कल्पना कीजिए कि हमारा शरीर एक छोटा-सा कस्बा है। इस कस्बे में सबसे बड़े उपद्रवी हैं - कोलेस्ट्रॉल।
इनके कुछ साथी भी हैं। इनका मुख्य अपराध में भागीदार है - ट्राइग्लिसराइड।
इनका काम है - गलियों में घूमते रहना, अफरा-तफरी मचाना और रास्तों को ब्लॉक करना।
दिल इस कस्बे का सिटी सेंटर है। सारी सड़कें दिल की ओर जाती हैं।
जब ये उपद्रवी बढ़ने लगते हैं, तो आप समझ ही सकते हैं क्या होता है। ये दिल के काम में रुकावट डालने की कोशिश करते हैं।
लेकिन हमारे शरीर-कस्बे के पास एक पुलिस बल भी है।
HDL है वो अच्छा पुलिसवाला, जो इन उपद्रवियों को पकड़कर जेल (लिवर) में डाल देता है।
फिर लिवर इनको शरीर से बाहर निकाल देता है – हमारे ड्र ... View More
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक मौसमी वायरस है, जो मुख्य रूप से सर्दियों में फैलता है। यह हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम (श्वसन तंत्र) को प्रभावित करता है और इसके लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं। इस वायरस की पहचान सबसे पहले 2001 में हुई थी, लेकिन हाल के दिनों में यह चीन में तेजी से फैल रहा है और अब भारत में भी इसके मामले सामने आने लगे हैं।
HMPV वायरस से सबसे ज्यादा खतरा किन्हें?
यह वायरस खासकर उन लोगों को अधिक प्रभावित करता है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
छोटे बच्चे: इनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता।
बुजुर्ग: उम्र बढ़ने के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
अस्थमा मरीज: यह वायरस सीधे श्वसन तंत्र पर अटैक करता है।
क्रॉनिक बीमारियों से ग्रस्त लोग: जैसे डायबिटीज या हार्ट ... View More
गुर्दे की पथरी, जिसे नेफ्रोलिथियासिस भी कहा जाता है, खनिजों और लवणों से बनी होती है जो मुख्य रूप से गुर्दे में बनते हैं। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है और अगर यह लंबे समय तक लाइलाज बनी रहे तो यह मूत्र मार्ग के उस हिस्से को प्रभावित कर सकती है जो किडनी से लेकर मूत्राशय तक जाता है।
किडनी स्टोन कितने प्रकार के होते हैं? (What are the types of kidney stones in Hindi)
कैल्शियम स्टोन: ज्यादातर किडनी स्टोन कैल्शियम स्टोन होते हैं, जो आमतौर पर कैल्शियम ऑक्सालेट के रूप में होते हैं। ऑक्सालेट एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है जो भोजन में पाया जाता है और प्रतिदिन लीवर द्वारा निर्मित होता है। कुछ फलों और सब्जियों के साथ-साथ नट्स और चॉकलेट में भी उच्च मात्रा में ऑक्सालेट होता है।
डिस्चार्ज स्टोन: स्ट्रुवाइट स्टोन ए ... View More
Job Title : SRT Executive
Skills : Soft Spoken, good communication skills
Job Description : Door to Door Survey in village Dhanaunda and Ratta
Salary (per month) : ₹ 10000.00 to 20000.00
🕑 Job ended at 18 Sep 2024, 04:04 PM
चेस्ट में संक्रमण यानि इन्फेक्शन खतरनाक होता हैं यह इन्फेक्शन होने से फेफड़ो पर भी असर पड़ता हैं। चेस्ट इन्फेक्शन होने का मुख्य कारण बैक्टीरिया, वायरस और फंगी हो सकता हैं। चेस्ट इन्फेक्शन में सबसे ज्यादा दिक्कत सांस लेने में होती हैं तथा अधिक खासी और गले में दर्द भी होता हैं। यह किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी हो जाता हैं।
चेस्ट इन्फेक्शन एक प्रकार का सांस से संबंधित संक्रमण है जिसका प्रभाव श्वसन मार्ग के निचले हिस्से पर पड़ता है।श्वसन मार्ग के निचले हिस्से में श्वास नली, ब्रोंकाई और फेफड़े आते हैं। दो मुख्य प्रकार के चेस्ट इंफेक्शन होते हैं जिनमें निमोनिया और ब्रोंकाइटिस शामिल हैं। हल्के से लेकर गंभीर चेस्ट इंफेक्शन हो सकता है।
चेस्ट इन्फेक्शन के लक्षण क्या होते हैं ?
छाती में इन ... View More
क्या आपको पता है कि क्रोनिक किडनी रोग के क्या कारण हो सकते हैं और इसे कैसे रोका जा सकता है? यदि नहीं, तो यहाँ प्रमुख जानकारी है जो आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।
🔍 क्रोनिक किडनी रोग के कारण : मधुमेह और उच्च रक्तचाप, गुर्दे की पथरी, वंशानुगत विकार, जैसे कि पॉलीसिस्टिक किडनी रोग|
कुछ लक्षण जिन्हे अनदेखा नहीं करें:
👉 बार-बार पेशाब आना
👉 खून के आने की समस्या
👉 ऊर्जा की कमी
👉 खाने का स्वाद में परिवर्तन
यह वीडियो आपको क्रोनिक किडनी रोग के कारण और रोकथाम के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। इसे देखना न भूलें और अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर करें। ... View More
गुर्दे की बीमारी अपने बढ़ती रुग्णों की संख्या की वजह से एक मुख्य स्वास्थय समस्या है। भारत के आबादी का ३% से १७% नागरिक क्रोनिक किडनी रोग से ग्रसित है।
किडनी हमारे शरीर के अहम अंग है। हर व्यक्ति के शरीर में दो किडनीयां होती हैं। यह आपके रक्त के लिए छन्नी की तरह काम करते हैं। आम तौर पर किडनीयां पेट के पीछे स्थित होती हैं।
गुर्दे आपके रक्त को साफ करने और कचरे (अमोनिया, यूरिक एसिड, यूरिया, क्रिएटिन, और क्रिएटिनिन) से छुटकारा पाने में मदद करते हैं। इसके अलावा शरीर के तरल पदार्थों को संतुलन में रखने में भी किडनीयां मदद करती हैं। इस लेख में हम किडनी का मतलब, उसकी संरचना, गुर्दे का कार्य, किडनी आरेख और किडनी की समस्याओं के बारे में विस्तृत रूप में जानेंगे।
किडनी का मतलब
किडनी का मतलब हिंदी में गुर्दा ह ... View More
हर्निया क्या होता है?
हर्निया रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमे शरीर के अंदर के कुछ हिस्से जैसे आंत के हिस्से; पेट की कमजोर दीवार को धकेलकर बाहर निकलने लगते हैं। बाहर से छूने या देखने पर ये गांठ जैसे महसूस होते हैं लेकिन हर मामले में हर्निया बाहर से दिखाई नही देता है।
हर्निया जन्मजात या उम्र बढ़ने के साथ हो सकता है। यह अक्सर सीने के निचले हिस्से, कमर या फिर पेट के बीच में होता है। इसके अलावा यदि मरीज की सर्जरी हुई है तो जहां चीरे लगे हैं, वहां पर भी हर्निया हो सकता है।
ऑपरेशन कराने वाले १५% लोगों में हर्निया होने का जोखिम रहता है। आमतौर पर देखा जाए तो १०० में से २५ पुरुषों को इंगुइनल हर्निया की समस्या होती है। वहीं महिलाओं में यह आंकड़ा सिर्फ २% है।
हर्निया के लक्षण
हर्निया रोग के लक्षण कई चीजों प ... View More